Tuesday, July 9, 2013

Jai Parshvanath | Jai Nakoda Bhairav ||


महिमा तेरी कितनी बड़ी दर पे तेरे 

जो कोई आये भाग्य संवारे उसका तू 
चंदा सा मुखड़ा सा हे तेरे माथे पे सूरज जेसे चमके 
चन्दन सी काया हैं तेरी जिसमे फूलो सी आती महक 
आँखे तेरी इतनी हसीन के इनका आशिक में बन गया हु 
मन में समाया एक तू जय भेरू देव जय भेरू देव 


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